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रविवार, फ़रवरी 15

स्नेह परिवार एक प्यार भरी संस्था

कुछ दिन पहले अचानक सयोंग वश एक संस्था स्नेह परिवार मैं जाना हुआ, यह एक ऐसी संस्था है जहाँ पर माँ बाप से बिछुरे हुए अनजान अबोध बच्चो को, माँ की गोद उसकी ममता, उसका स्नेह एक माँ की तरह मिल जाता है, मैंने इसको अनाथालय नहीं कहा क्योंकि अनाथालय मैं केवल परवरिश और परवरिश ही होती है, परन्तु यह एक ऐसी संस्था हैं, जहाँ पर बच्चो का सर्वालिंग विकास होता है, और उसका अंधकारमय भविष्य निखर कर के प्रकाश की और जाता है, इस परिवार मैं इन बच्चो की माँ है, उनकी मौसियाँ है, जिनको देख कर एहसास होता हैं कि इन बच्चो का जीवन सही दिशा कि और अग्रसर हो रहा है, इस संस्था की संचालिका को कहना है कि बच्चो को पाँच साल तक अपना स्पर्श देना अत्यन्त आवश्यक हैं जिससे इनका आत्मविश्वास बढता है, जो कि मैंने यहाँ प्रत्यक्ष देखा है, यह माँ अपने इन बच्चो के लिए स्वयं अपने हाथो से इनके लिए अनेक प्रकार के वयंजन बनाती हैं, इन बच्चो को स्वयं शौपिंग के लिए ले जाती हैं, उसका कहना यह हैं कि हम बच्चो को आया के सहारे क्यों छोडे,स्वयं इस माँ के अपने दो बच्चे हैं परन्तु फिर भी इसका अपनी इस संस्था के बच्चो के साथ अभूतपूर्ण प्रेम हैं,
कल वैलेंटाइन डे था और यह एक बच्ची शायद १०,१२ दिन की होगी उसको गोद मैं लेकर के माई वैलेंटाइन, माई वैलेंटाइन कर रही थी उस बच्ची का नाम परी हैं,और है भी परी जैसी और एक नन्ही मेहमान कली आई है, शायद अब कुछ ही दिन की है, जब परी आई थी तो मात्र ६ घंटे की थी, इस माँ का कहना हैं कि मैं सौभ्य्ग्यशाली हूँ, क्योंकि जच्चा को बच्चा एक दिन बाद मिलता हैं, पर मेरी गोद मैं तो मात्र कुछ घंटे के बच्चे मेरी गोद मैं आ गए हैं।
इस माँ का कहना हैं कि मुझे अधिक कुछ नहीं चाह हैं, अगर आप कोई भी बच्चा लावारिस हालत मैं मिले बस मुझे एक फ़ोन कर दे।
इस संस्था की संचालिका यह भी कहना है, वोह बुजर्ग लोग जो उपेक्षित हो चुके हैं, जैसे किसी को उनके बेटे बहू ने घर से निकाल दिया, उन लोगो की मुझे आवयश्कता है, वोह अपना समय मेरे इन चिरागों को दे सकते है, उनको उनका खोया हुआ सम्मान मिलेगा, पैसा मिलेगा और वोह अपने को उपेक्षित नहीं समझेंगे, यह प्रतारित लोग यहाँ संपर्क कर सकते है।

इस ममता मई माँ का नाम हैं प्रियम मित्तल शेष संपर्क के लिए जानकारी दे रहा हूँ
स्नेह परिवार
SD-248 शास्त्री नगर
गाजियाबाद
मोबाइल नम्बर
9311151393, 9911506013, 9717200055

इचुक दम्पति निस्कोंच संपर्क कर सकते हैं
यह आशियाना है जिन्दगी जैसा इसके विजिटिंग कार्ड पर लिखा है
यह माँ इस स्नेह संस्था की सचिव भी है

लेबल

अभी तो एक प्रश्न चिन्ह ही छोड़ा है ? (1) आत्मा अंश जीव अविनाशी (1) इन्ही त्योहारों के सामान सब मिल जुल कर रहें (1) इश्वर से इस वर्ष की प्रार्थना (1) इसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ | (1) उस अविनाशी ईश्वर का स्वरुप है | (1) एक आशियाना जिन्दगी का (1) कब बदलोगे अपनी सोच समाज के लोगों ? (1) कहाँ गया विश्व बंधुत्व और सदभावना? (1) कहीं इस कन्या का विवाहित जीवन अंधकार मय ना हो | (1) किसी का अन्तकरण भी बदला जा सकता है (1) किसी की बात सुन कर उसको भावनात्मक सुख दिया जा सकता है | (1) कैसे होगा इस समस्या का समाधान? (1) चाहता हूँ इसके बाद वोह स्वस्थ रहे और ऑपेरशन की अवयाक्ष्ता ना पड़े | (1) जय गुरु देव की (1) जीत लो किसी का भी हिर्दय स्नेह और अपनेपन (1) डाक्टर साहब का समर्पण (1) पड़ोसियों ने साथ दिया (1) बच्चो में किसी प्रकार का फोविया ना होने दें (1) बस अंत मे यही कहूँगा परहित सम सुख नहीं | (1) बुरा ना मानो होली है | (1) मानवता को समर्पित एक लेख (1) मित्रों प्रेम कोई वासना नहीं है (1) में तो यही कहता हूँ (1) यह एक उपासना है । (1) राधे (2) राधे | (2) वाह प्रभु तेरी विचत्र लीला (1) वोह ना जाने कहाँ गयी (1) शमादान भी एक प्रकार का दान है | (1) सब का नववर्ष सब प्रकार की खुशियाँ देने वाला हो | (1) समांहुयिक प्रार्थना मैं बहुत बल है | (1)