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बुधवार, अक्तूबर 31

व्यक्तित्व परिवर्तन

                                                           व्यक्तित्व परिवर्तन 


माँ क्षमा करना यदि कोई जाने अनजाने में गलती हो जाये,क्योंकि में सत्य घटना पर आधारित कहनी,लिख रहा हूँ ।


                                     सर्व मंगल मांगल्ये शरण्ये,त्रियाम्बके गौरी नारायणी,नामोस्त्ते

माता रानी विचित्र खेल हें,इस जग के,क्यों व्यक्तित्व में एसा परवर्तन हो जाता है,जो मानव अत्याधिक प्रेम करता है,वोह प्रेम विहीन हो जाता है,आज में खोज रहा हूँ,अपनी प्यारी सी भोली भाली,बिटिया को,कहां गयी वोह मेरी प्यारी सी बिटिया, जिस बिटिया का हिर्दय एक स्बस्थ प्रेम से भरा हुआ था,जो मेरी खुशी में खुश होती थी,और मेरी व्यथा को दूर करने का प्रयत्न करती थी,जाने कहाँ खो गयी है,माँ मेरी उस बिटिया को खोज के ला
ला दे माता रानी,माँ की प्रेरणा से यही समाप्त करता हूँ ।



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अभी तो एक प्रश्न चिन्ह ही छोड़ा है ? (1) आत्मा अंश जीव अविनाशी (1) इन्ही त्योहारों के सामान सब मिल जुल कर रहें (1) इश्वर से इस वर्ष की प्रार्थना (1) इसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ | (1) उस अविनाशी ईश्वर का स्वरुप है | (1) एक आशियाना जिन्दगी का (1) कब बदलोगे अपनी सोच समाज के लोगों ? (1) कहाँ गया विश्व बंधुत्व और सदभावना? (1) कहीं इस कन्या का विवाहित जीवन अंधकार मय ना हो | (1) किसी का अन्तकरण भी बदला जा सकता है (1) किसी की बात सुन कर उसको भावनात्मक सुख दिया जा सकता है | (1) कैसे होगा इस समस्या का समाधान? (1) चाहता हूँ इसके बाद वोह स्वस्थ रहे और ऑपेरशन की अवयाक्ष्ता ना पड़े | (1) जय गुरु देव की (1) जीत लो किसी का भी हिर्दय स्नेह और अपनेपन (1) डाक्टर साहब का समर्पण (1) पड़ोसियों ने साथ दिया (1) बच्चो में किसी प्रकार का फोविया ना होने दें (1) बस अंत मे यही कहूँगा परहित सम सुख नहीं | (1) बुरा ना मानो होली है | (1) मानवता को समर्पित एक लेख (1) मित्रों प्रेम कोई वासना नहीं है (1) में तो यही कहता हूँ (1) यह एक उपासना है । (1) राधे (2) राधे | (2) वाह प्रभु तेरी विचत्र लीला (1) वोह ना जाने कहाँ गयी (1) शमादान भी एक प्रकार का दान है | (1) सब का नववर्ष सब प्रकार की खुशियाँ देने वाला हो | (1) समांहुयिक प्रार्थना मैं बहुत बल है | (1)