LATEST:


मंगलवार, दिसंबर 14

(प्रथम भाग) बिहारी जी की शरण में |

कुछ व्यस्तताओं जैसे, फेसबुक की फिशिंग समस्या के चक्रवात से निकलने का प्रयत्न, जिसको बार,बार सुलझाने का असफल प्रयत्न क्योंकि इस फेसबुक में मेरे 68 मित्र हैं,और फेसबुक कहता है,"There seems some suspicious activity,your account has been temporary suspended due to pishing", इस फिशिंग का अर्थ तो मुझे पहले ज्ञात नहीं था, परन्तु इस महान फेसबुक ने मुझे कोई सहायता तो नहीं दी, परन्तु मुझे इस फिशिंग का का ज्ञान अवश्य दिया है, जिसका अर्थ मेरे अंतर्मन को आहात कर के यह ज्ञान दिया है, फिशिंग का अर्थ होता है,किसी ने बिलकुल फेसबुक लगने वाला साईट मेरे नाम से बना लिया है,यह अवश्य है,मैंने एक फेसबुक का खाता, fakira.chand@yahoo.com के नाम से अवश्य बनाया है,और इसमें में, श्री राजीव कुमार कुलश्रेष्ठ जी के हिंदी में लिखे हुए अध्यात्मिक लेखों का अंग्रेजी अनुवाद करता हूँ,फेसबुक के शीर्ष अधिकारीयों क्या यही मेरा अपराध है ?,में तो एक साधारण सा व्यक्तिव रखने वाला साधारण व्यक्ति हूँ,औरआप लोगों ने तो मुझे असाधारण समझ कर,इस फिशिंग रोग से अवगत कराया है,और भाई लोगों मेरे मेल में, फेसबुक वालों लोगों की प्रार्थना भेज कर मेरे जले पर नमक तो नहीं छिडको की में असहाय पर कटे पंछी की तरह तडपता रहूँ, सहयता ना दो तो यह काम ना करो, बार,बार मेरा चित्र दिखा कर पूछते हो,क्या यह आप हैं,और आप लोग जो,जो पूछते हो उसका उत्तर में हीं तो देता हूँ, और इस पहचान का यही परिणाम निकलता है,वोही धाक के तीन पात,संतोषजनक उत्तर पा कर फिर वोही वाक्य दोहराना और इस ब्लॉग का स्वामी भी में हूँ, इसमें में भी मेरा वोही चित्र है, जो फेसबुक में है, मेरे पास आधुनिक डिजिटल केमरा तो नहीं है, बस वोही चित्र होतें हैं,जो हमारे बेटी,दामाद खींच जाते हैं,और उनका भी आपकी फेसबुक में खाता है,इससे अधिक क्या सबूत
दूं ? आप फिशिंग रोग से ग्रस्त हो, यह लेख लिखते,लिखते दो बार, विद्युत् प्रबाह रुक गया था,लेकिन वोह तो फिर सुचारू होकर उसने मेरे लेख के प्रबाह को वेग दे दिया,परन्तु फेसबुक वालों जब हम भारतियों का किसी समस्या का हल नहीं निकलता तब हम कहते हैं,अब समस्या का हल प्रभु ही निकालेंगे,और मजबूर होकर हम लोग अपने मुखारविंद से श्री रामचरितमानस की यह चोपाई निकालते  हैं|
"होई है सो रामराची राखा |"
को करी तर्क बड़वाही शाखा || "
मेरे मित्रगनो ने मुझे यह सलाह दी दूसरा फेसबुक का खाता बना लो,फेसबुक वालों अब में यह ना करुँ तो क्या करुँ ?
 मित्रो एक तो लेख ना लिखने का कारण उपरोक्त था कारण था ,और दूसरा कारण यह है,कि मैंने एक अपना  वेबसाइट "www.vinay-sharma.qapacity.com" बना लिया है, और वोह साईट अपनी सबसे अच्छी मित्रों में से श्रीमती सरोजिनी साहू जी,जो कि एक प्रज्ञात लेखिका हैं,और मेरे मनोबल को दिशा देतीं हैं,उनके काम से श्री गणेश किया है और उस वेबसाइट पर प्रयोग करता रहा, "आज मुझे राजीव जी का मेल मिला" विनय भाई,क्या बात है,आप कहीं नजर नहीं आ रहे और ना ही कोई लेख लिख रहें हैं ",उनको तो मैंने उत्तर दे दिया था, कहते हैं ना,जब बीज को उपजाऊ भूमि मिलती है,तो बीज अंकुरित होता है,यही कारण है,जिस कारण मेरे मन में लेख लिखने का बीज
अंकुरित हो गया,नहीं तो हम तो फेसबुक के गम में बैठे हुए थे,और छोड़ दिया था,इस फेसबुक की समस्या को बिहारी जी की शरण में कह कर |
 में तो सब देवी,देवताओं,म्हापुरशों को मानता हूँ, पर इस बिहारी जी की शरण में मुझे क्यों याद आया,अगले लेख में,बहुत से लोगों को टिप्पणियाँ प्राप्त करने का मोह होता है,में भी इस रोग से अछूता नहीं हूँ,नहीं मिलती तो बिहारी जी की शरण में, अगले लेख में,उस व्यक्ति के बारे में लिखूंगा,जो कि मोदीपोन संस्था में एक बहुत ही बड़े अधिकारी थे, जब वोह अपनी नौकरी छोड़ कर जाने लगे तो उनको मालिकों ने अनेक प्रकार के प्रोलोभन दिए,यह भी कहा कोई तुझे जानेगा नहीं, लेकिन वोह नहीं रुके और उनका उत्तर था,यही तो में चाहता हूँ,और वोह अपनी पत्नी के साथ चल पड़े गोवर्धन और गोवर्धन कि प्रक्रिमा के रास्ते में,अपना आशियाना बना लिया है,और वोह मियां,बीवी दोनों गोवर्धन में सन्यासी जीवन व्यतीत कर रहें हैं |

बस इस लेख के इस प्रथम भाग का समापन यही कह कर करता हूँ |

"राधे,राधे बोले चले आएंगे बिहारी "
राधे,राधे |
                                                                                               (क्रमश: कब ? यह ज्ञात नहीं ?)

3 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

मैं तो कुछ दिन खुद ही बाहर थी .. इसलिए आपकी समस्‍याओं के बारे में जानकारी नहीं थी .. आपका वेबसाइट खोलकर देख रही हूं .. ब्‍लॉग में भी आपके लेख का इंतजार रहेगा !!

राज भाटिय़ा ने कहा…

अजी आप अपने पासपोर्ट को मजबुत बनाये यानि उसे बडा ओर गिनती के साथ साथ शव्दो का प्रयोग भी करे... जेसे 1234sxycvbf54321 ओर इसे कुछ महीनो के बाद बदलते रहे, चलिये आप की यह समस्याऎभी हल हो जायेगी, धन्यवाद ओर शुभकामानऎ

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

लेकिन विनय जी मैंने अपने फ़ेसबुक एकाउन्ट में मित्र फ़ोटो
पर आपके फ़ोटो पर क्लिक किया । तो आपका प्रोफ़ायल आदि
बाकायदा खुल गया । मुझे लगता है । कि फ़कीरा वाले दूसरे
अकाउंट की वजह से ही ये समस्या आयी । लिहाजा आप
वो अकाउंट खत्म करके देखें । लेकिन मैं अभी sure नहीं
हूं कि आपका फ़कीरा वाला खुला था या विनय शर्मा वाला ।
खैर फ़िर देखूंगा ।

लेबल

अभी तो एक प्रश्न चिन्ह ही छोड़ा है ? (1) आत्मा अंश जीव अविनाशी (1) इन्ही त्योहारों के सामान सब मिल जुल कर रहें (1) इश्वर से इस वर्ष की प्रार्थना (1) इसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ | (1) उस अविनाशी ईश्वर का स्वरुप है | (1) एक आशियाना जिन्दगी का (1) कब बदलोगे अपनी सोच समाज के लोगों ? (1) कहाँ गया विश्व बंधुत्व और सदभावना? (1) कहीं इस कन्या का विवाहित जीवन अंधकार मय ना हो | (1) किसी का अन्तकरण भी बदला जा सकता है (1) किसी की बात सुन कर उसको भावनात्मक सुख दिया जा सकता है | (1) कैसे होगा इस समस्या का समाधान? (1) चाहता हूँ इसके बाद वोह स्वस्थ रहे और ऑपेरशन की अवयाक्ष्ता ना पड़े | (1) जय गुरु देव की (1) जीत लो किसी का भी हिर्दय स्नेह और अपनेपन (1) डाक्टर साहब का समर्पण (1) पड़ोसियों ने साथ दिया (1) बच्चो में किसी प्रकार का फोविया ना होने दें (1) बस अंत मे यही कहूँगा परहित सम सुख नहीं | (1) बुरा ना मानो होली है | (1) मानवता को समर्पित एक लेख (1) मित्रों प्रेम कोई वासना नहीं है (1) में तो यही कहता हूँ (1) यह एक उपासना है । (1) राधे (2) राधे | (2) वाह प्रभु तेरी विचत्र लीला (1) वोह ना जाने कहाँ गयी (1) शमादान भी एक प्रकार का दान है | (1) सब का नववर्ष सब प्रकार की खुशियाँ देने वाला हो | (1) समांहुयिक प्रार्थना मैं बहुत बल है | (1)